जनकवि राम लगन गिरि की पुण्यतिथि पर काव्य गोष्ठी आयोजित

डॉ. सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि राम लगन गिरि में अपनी बात को सरल, सहज एवं प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की विलक्षण क्षमता थी
सरायरंजन: जनकवि राम लगन गिरि हिंदी साहित्य के यशस्वी रचनाकार थे। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीयता, देशभक्ति, त्याग और अहिंसा की गूंज सुनाई देती है। यह विचार प्रख्यात साहित्यकार व पत्रकार चांद मुसाफिर ने व्यक्त किए। वे प्रखंड के हरसिंगपुर स्थित सरस्वती निकेतन में जनकवि राम लगन गिरि की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।मुख्य अतिथि चर्चित गीतकार एवं कवि डॉ. सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि राम लगन गिरि में अपनी बात को सरल, सहज एवं प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की विलक्षण क्षमता थी। उनकी कविताएं ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक यथार्थ का सटीक चित्रण करती हैं।विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद राम पुकार राय ने कहा कि वे समय की परख और सामाजिकता के गहरे जानकार थे। उन्होंने अपनी कविताओं में व्यवस्था की विसंगतियों पर करारा प्रहार किया।
वहीं, सेवानिवृत्त डीएसपी विजय कुमार झा ने उन्हें आम आदमी की पीड़ा का सशक्त स्वर बताते हुए कहा कि वे प्रतिवादी धारा के समर्थ कवि थे।शिक्षक अखिलेश ठाकुर ने उनकी कविताओं को मानव मूल्यों की रक्षा की वकालत करने वाला बताया। इस अवसर पर उपस्थित चर्चित कवियों ने काव्य पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में वरिष्ठ अतिथियों को चादर, माला एवं पाग भेंट कर सम्मानित किया गया।
स्वागत भाषण एलआईसी से सेवानिवृत्त एडीएम अशोक कुमार गिरि ने किया, जबकि मंच संचालन अनंत कुमार राय एवं धन्यवाद ज्ञापन उनके पुत्र के. पी. गिरि ने किया।समारोह को प्रखंड उप प्रमुख संजीव कुमार ठाकुर, प्रो. अवधेश कुमार झा, रवींद्र कुमार ठाकुर, प्रो. अमरेंद्र कुमार, रंजीत पटेल, रामाश्रय प्रसाद, सुधीर कुमार गिरि, विजय शंकर गिरि, अविनाश कुमार गिरि, अंतरा गिरि सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संबोधित किया।
इस अवसर पर मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार झा, संजय कुमार राय, कमलेश कुमार राय, बबलू झा, मनोज कुमार राम, संजीव कुमार इंकलाबी, रंजीत कुमार सिंह, नित्यानंद गिरि, राम उदगार गिरि, राम कृपाल गिरि, बच्चन गिरि, बालेश्वर राय, कमल सहनी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।