राममंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे पूर्व आइपीएस अफसर किशोर कुणाल का निधन
विराट रामायण मंदिर पूरा होते नहीं देख पाये किशोर कुणाल,पीएम नरेंद्र मोदी से कराना चाहते थे उदघाटन
December 29, 2024
स्टेट डेस्क/पटना : किशोर कुणाल राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तो देख पाये लेकिन ‘विराट रामायण मंदिर’ का उदघाटन नहीं देख सके। रविवार 29 दिसंबर को उनके निधन के साथ ही उनका यह सपना टूट गया। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य और महावीर मंदिर न्यास के सचिव रहे आचार्य किशोर कुणाल चाहते थे कि रामायण मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संपन्न हो। हो सकता है मंदिर का उदघाटन मोदी के हाथों ही हो। लेकिन तब कुणाल वहां नहीं होंगे।
विराट रामायण मंदिर पूर्वी चंपारण के कैथवालिया में बन रहा है। अयोध्या को जनकपुरी से जोड़ने वाले फोर लेन राम-जानकी पथ के पास इसका निर्माण हो रहा है। यह मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा होगा। इसकी ऊंचाई अयोध्या के राम मंदिर से तीन गुनी ज्यादा होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महावीर मंदिर के एक कार्यक्रम में साल 2013 में मंदिर के मॉडल का अनावरण किया था। कुणाल ने एक बार मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘इस मंदिर के लोकार्पण के मौके पर पीएम और सीएम की उपस्थित बहुत अच्छी होगी। उनकी इच्छा है कि जब 2026 में इस मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उदघाटन करें।’
1972 बैच के गुजरात कैडर के आइपीएस अफसर रहे कुणाल ने तब कहा था, ‘जब मेरे बेटे सायान कुणाल ने पीएम मोदी को मेरी पुस्तक ‘दमन तक्षों का’ भेंट की तब उनके रेस्पॉन्स से मैं काफी उत्साहित हुआ। यह बतौर आईपीएस गुजरात में मेरे तजुर्बे के आधार पर है। हालांकि, मैंने उनके सीएम बनने से पहले साल 2001 में वीआरएस ले लिया था। उन्होंने किताब पर मेरी तस्वीर से मुझे पहचान लिया और विराट रामायण मंदिर के बारे में भी जानकारी ली।’
रामायण मंदिर निर्माण का पहला चरण 20 जून, 2023 को शुरू हुआ था। इसके बाद 10 महीने के अंदर 100 फीट गहरे करीब 3245 अंडरग्राउंड पीलरों का निर्माण हो चुका है। प्लींथ लेवल से 26 फीट ऊंचा करने के लिए दूसरे चरण का निर्माण शुरू हो चुका है। इस मंदिर के लिए कुणाल ने 100 करोड़ रुपये दिए थे।
18 मंदिरों में से सबसे पहले शिव मंदिर का निर्माण अब पूरा होने वाला है। इसमें 210 मीट्रिक टन का शिवलिंग है जो सबसे लंबा है। शिवलिंग का निर्माण महाबलीपुरम में किया जा रहा है। कुणाल ने तब कहा था , ‘ब्लैक ग्रेनाइट से बने इस शिवलिंग को यहां लाकर लगाना एक बड़ा टास्क होगा लेकिन हमें यह करना होगा। निर्माण स्थल से लेकर चकिया तक कि सड़क को शिवलिंग के वेट के हिसाब से मजबूत बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।’
लेकिन कुणाल का सपना अधूरा रह गया। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य और महावीर मंदिर न्यास के सचिव रहे कुणाल का हृदय गति रुकने से निधन हो गया है। उन्हें रविवार की सुबह हार्ट अटैक हुआ। उन्हें तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान अस्पताल में ही उनका निधन हो गया।
कुणाल राम मंदिर आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के रूप में राम मंदिर निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़े रहे। पटना रेलवे स्टेशन के मुहाने पर निर्मित महावीर मंदिर ने कुणाल की देख-रेख में सामाजिक और धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मंदिर के विकास और उससे जुड़े चैरिटी कार्यों का विस्तार किया।