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अटल शताब्दी स्मृति समारोह का आयोजन: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को सम्मानित करने का अवसर

“अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश की राजनीति को न केवल प्रधानमंत्री के रूप में, बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में भी आदर्श का जो मानदंड स्थापित किया वह विरले ही किसी अन्य राजनेता ने किया।”-रविशंकर प्रसाद

पटना, 25 दिसम्बर, 2024
25 दिसम्बर 2024 को, पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर स्थानीय कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सेमिनार हॉल में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन मिथिलालोक फाउंडेशन और ब्रिटिश लिंगुआ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जो स्पोकन इंग्लिश के क्षेत्र में देश की अग्रणी शिक्षण संस्थान है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब के सांसद श्री रविशंकर प्रसाद ने छात्रों और शहर के गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि, “अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश की राजनीति को न केवल प्रधानमंत्री के रूप में, बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में भी आदर्श का जो मानदंड स्थापित किया वह विरले ही किसी अन्य राजनेता ने किया।” श्री प्रसाद ने प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी सरकार की प्रमुख योजनाओं की चर्चा की, जिनमें स्वर्ण चतुर्भुज सड़क परियोजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, और डिजिटल क्रांति जैसी योजनाओं का उल्लेख किया, जिनसे आज का भारत सशक्त हुआ है।
उन्होंने कहा, “पोखरण विस्फोट के माध्यम से भारत को एक परमाणु सम्पन्न राज्य बनाने में वाजपेयी जी की भूमिका ने भारत की सीमाओं को सुरक्षित किया।” इसके साथ ही, उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी की रणनीति को याद करते हुए कहा कि, “उनकी रणनीति ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने आतंकवादी राज्य के रूप में उजागर किया।”
विधायक संजीव चौरसिया ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा, “अटल जी ने विपक्ष में रहते हुए भी राष्ट्रहित में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ मिलकर देश को संकट से बाहर निकाला।”


बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफेसर अरुण कुमार भगत ने वाजपेयी जी को एक कवि के रूप में याद करते हुए कहा, “अटल जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपनी कविताओं और लेखनी के माध्यम से आम जनता को हमेशा प्रेरित किया।”
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह ने वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “वाजपेयी जी महामानव थे। उनके विदेश मंत्री के रूप में किए गए कार्य, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ में उनका पहला भाषण, हमेशा याद किया जाएगा।”


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मिथिलालोक फाउंडेशन और ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ. बीरबल झा ने कहा, “आज की युवा पीढ़ी के लिए भारत को समृद्ध बनाने में अपनी भूमिका तलाशने के लिए अटल जी से बड़ा कोई प्रेरणा स्रोत नहीं हो सकता। उनकी जीवनी ही देशभक्ति का सर्वोत्तम पाठ है।”
इस अवसर पर डॉ. बीरबल झा ने कहा कि, “अटल विचारधारा को अब हमारे शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। वाजपेयी जी के विचार पीढ़ियों से परे हैं, और हमें केवल उनके योगदान के बारे में नहीं, बल्कि उन मूल्यों के साथ भी गहरे जुड़कर काम करना चाहिए जिन्हें उन्होंने हमेशा समर्थन दिया।”
कार्यक्रम के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों और योगदान को सम्मानित किया गया और उनके आदर्शों को युवा पीढ़ी के बीच फैलाने का संकल्प लिया गया।
आने वाले समय में इस तरह के कई और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें वाजपेयी जी के योगदान और विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कार्य किए जाएंगे।

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