बिहार की चारों सीट एनडीए की झोली में
भाजपा-जदयू के नेचुरल गठबंधन को जनता ने पुनः किया स्वीकार। जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा से यह किला अभेद्य दुर्ग बन गया।
पटना 23/11/2024: बिहार में 2025 में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव को सेमीफाइनल कहा जा रहा था।खासकर उस परिस्थिति में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एक होकर इस उपचुनाव को लड़ रही थी।तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से क्रमशः भाजपा के विशाल प्रशांत, जदयू की मनोरमा देवी, हम की दीपा मांझी और भाजपा के अशोक सिंह ने जीत दर्ज कर लिया।इस जीत ने एक बार पुनः यह सिद्ध कर दिया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व का जलवा बरकरार है।तेजस्वी यादव के लिए यह हार किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा।
इस चार सीट से सरकार की सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ता किन्तु इतना अवश्य है कि दोनों गठबंधन के मनोबल के लिए यह किसी औषधि से के कम भी नहीं है। ऐसे में एनडीए ने राजद और माले से सीट छीनकर उनके मजबूत किले को भी ध्वस्त कर दिया।गौरतलब है कि बेलागंज में सुरेन्द्र यादव तीन दशक से पाँव गड़ाए हुए थे वहीं तरारी सीट भी एक दशक से माले के पास था।वहीं इमामगंज में जीतनराम मांझी ने अपना किला बचाए रखा।