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सीपीआई की बैठक में मोदी सरकार के खिलाफ जन संघर्ष तेज करने का फैसला

पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक रविवार को जनशक्ति भवन पटना, में हुई। बैठक की अध्यक्षता कॉमरेड अवधेश राय, पूर्व विधायक ने की। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व सांसद कामरेड नागेंद्र नाथ ओझा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की फैसलो की रिपोर्टिंग की जबकि राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पाण्डेय ने कार्य रिपोर्ट पेश किया। बैठक में केंद्र की जन विरोधी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जन आंदोलन तेज करने का आह्वान किया गया। बाढ़, सुखा और बिजली संकट के स्थाई निदान के लिए कोशी, कमला और बागमती नदी पर हाई डैम निर्माण के लिए 21 फरवरी को राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय पर धरना देने का फैसला लिया गया। पार्टी के पूर्व सांसद कॉमरेड पीताम्बर सिंह की पुण्यतिथि 03 मार्च को जनशक्ति भवन, पटना में स्मृति सभा आयोजित की जाएगी। पूर्णियां के रंगभूमि मैदान में 25 फरवरी को महागठंबधन की रैली पर भी चर्चा की गई।

रैली में भाकपा कार्यकर्ताओं की जबरदस्त भागीदारी होगी। राज्य सचिव का॰ रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि पार्टी ने केन्द्र की सत्ता से भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार को हटाने और केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राज्य में 10 से 20 मार्च तक गांव-गांव पदयात्रा निकालने का फैसला लिया है। वहीं 21 से 25 मार्च तक राज्य के सभी जिलों में जीप जत्था निकाला जायेगा। जिसके माध्यम से भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का भंडाफोड़ किया जाएगा। साथ ही पार्टी जिला मुख्यालयों पर 27 से 29 मार्च तक जन सत्याग्रह अभियान चलाएगी। इस दौरान भाजपा भगाओं देश बचाओ अभियान के तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर विशाल जन सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान की सफलता एवं अधिक से अधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गांव गांव जन संपर्क अभियान चलाकर आम जनता के बीच मौजूदा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के वास्तविक चरित्र एवं जन विरोधी संविधान विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी नीतियों का मजबूती से भंडाफोड़ किया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा ने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से निकला भारत के संविधान, एवं लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोट रही है। जनता की गाढ़ी कमाई से खड़ा किया गया सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ी, के भाव में अपने चंद कारपोरेट मित्रों को उपहार स्वरूप दे रही है। बंदरगाहों देश के हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बैंको, जीवन बीमा निगम सहित तमाम नवरत्न कंपनियों एवं महानवरत्न कंपनियों अपने कॉरपोरेट मित्रों को हवाले कर रही है। योजनाबद्ध तरीके से रोजी-रोजगार के अवसर में तेजी से कटौती की जा रही है। बेरोजगारी के कारण युवा पीढ़ी में दिशाहीनता बढ़ती जा रही है, जिसे मौजूदा विभाजनकारी शक्तियाँ अपने हित में इस्तेमाल करने की फिराक में है। इस तरह रोजी रोजगार की किल्लत से पूरा भारतीय समाज बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है। पिछले आठ वर्षों में कृषि लागत में कई गुणा बढोत्तरी हुई है। उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण खेती-किसानी प्रभावित हो रही है। किसान आत्महत्या करने को अभिशप्त है। वहीं किसान जब अपने लिए पूनः कृषि उत्पाद को खरीदते है। तो उन्हें कई गुणा अधिक कीमत पर खरीदनी पड़ती है और उस पर कमरतोड़ महंगाई जो मौजूदा केन्द्र सरकार द्वारा पोषित है, किसान सहित पूरे भारतीय समाज के सामने जीने का संकट पैदा कर दिया है। बैठक में राज्य कार्यकारिणी सदस्यों के साथ-साथ सभी जिला सचिवों ने भी भाग लिया।

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