आज 15 फरवरी का पञ्चाङ्ग
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
*⛅दिनांक – 15 फरवरी 2023*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2079*
*⛅शक संवत् – 1944*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*⛅मास – फाल्गुन (गुजरात, महाराष्ट्र में माघ)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – नवमी सुबह 07:39 तक ततपश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – ज्येष्ठा रात्रि 12:46 तक तत्पश्चात मूल*
*⛅योग – व्याघात सुबह 10:01 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल – दोपहर 12:54 से 02:19 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:12*
*⛅सूर्यास्त – 06:36*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:31 से 06:22 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 से 01:19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – समर्थ रामदास नवमी, स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती (ति.अ), दशमी क्षय तिथि*
*⛅विशेष – नवमी को लौकी एवं दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹प्रायश्चित जप🔹*
*🔸पूर्वजन्म या इस जन्म का जो भी कुछ पाप-ताप है, उसे निवृत्त करने के लिए अथवा संचित नित्य दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रायश्चितरूप जो जप किया जाता है उसे प्रायश्चित जप कहते हैं ।*
*🔸कोई पाप हो गया, कुछ गल्तियाँ हो गयीं, इससे कुल-खानदान में कुछ समस्याएँ हैं अथवा अपने से गल्ती हो गयी और आत्म-अशांति है अथवा भविष्य में उस पाप का दंड न मिले इसलिए प्रायश्चित – संबंधी जप किया जाता है ।*
*🔸ॐ ऋतं च सत्यं चाभिद्धात्तपसोऽध्यजायत ।*
*ततो रात्र्यजायत तत: समुद्रो अर्णव: ।।*
*समुद्रादर्णवादधि संवत्सरो अजायत ।*
*अहोरात्राणि विदधद्विश्वस्य मिषतो वशी ।।*
*सूर्याचन्द्रमसौ धाता यथापूर्वमकल्पयत् ।*
*दिवं च पृथिवीं चान्तरिक्षमथो स्व: ।। (ऋग्वेद :मंडल १०, सूक्त १९०, मंत्र १ – ३ )*
*🔸इन वेदमंत्रों को पढ़कर त्रिकाल संध्या करें तो किया हुआ पाप माफ हो जाता है, उसके बदले में दूसरी नीच योनियाँ नहीं मिलतीं । इस प्रकार की विधि है ।*
*🔸लक्ष्मी कहा विराजती है🔸*
*🔹जहाँ भगवान व उनके भक्तों का यश गाया जाता है वहीँ भगवान की प्राणप्रिया भगवती लक्ष्मी सदा विराजती है । (श्रीमद् देवी भागवत )*
*🔸घृतकुमारी (ग्वारपाठा) रस 🔸*
*🔹घृतकुमारी शरीर गत दोषों व मल के उत्सर्जन के द्वारा शरीर को शुद्ध व सप्तधातुओं को पुष्ट कर रसायन का कार्य करती है I*
*🔹विविध त्वचा विकार, पीलिया, रक्ताल्पता, कफजन्य ज्वर, हड्डियों का बुखार, नेत्ररोग, स्त्रीरोग, जलोदर, घुटनों व अन्य जोड़ों का दर्द, जलन, बालों का झड़ना, आदि में उपयोगी है I*
*🔹पेट के पुराने रोग, चर्मरोग, गठियाव व मधुमेह (डायाबिटीज) में यह विशेष लाभप्रद है I*
*🔹रस की मात्रा : बच्चों के लिए ५ से १५ मी.ली. तथा बड़ों के लिए १५ से २५ मी.ली. रस सुबह खाली पेट लें I*
*- 📖 लोक कल्याण सेतु, निरंतर अंक-182, अगस्त 2012*
*🌞संत श्री आशारामजी बापू आश्रम🌞*