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आज 3 जनवरी का पञ्चाङ्ग

⛅दिनांक – 03 जनवरी 2023*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2079*
*⛅शक संवत् – 1944*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वादशी रात्रि 10:01 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – कृतिका शाम 04:26 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग – साध्य सुबह 06:53 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल – दोपहर 03:25 से 04:46 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:21*
*⛅सूर्यास्त – 06:07*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:35 से 06:28 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 से 01:11 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*द्वादशी को तुलसी पत्ते तोड़ना निषेध है ।*

*🔸त्वचा के उत्तम स्वास्थ्य के लिए🔸*

*🔹क्या करें ? 

१] त्वचा स्वस्थ रखने हेतु शुद्ध वायु व प्रकाश का सेवन, पर्याप्त जल पीना और गहरे श्वास लेने चाहिए तथा मानसिक तनाव व चिंता से बचना चाहिए ।*

२] नियमित शरीर की मालिश करने से शरीर में रक्त व प्राण का संचार ठीक होने से त्वचा के दोष दूर होते हैं ।*

३] त्वचा-रोग का एक कारण कब्ज भी है । इसके निवारण हेतु रात को त्रिफला, हरड़ या हिंगादि हरड़ चूर्ण पानी के साथ लें ।*

४] स्नान के लिए सप्तधान्य उबटन, मुलतानी मिटटी अथवा देशी गाय के गोबर व गोमूत्र या गोमूत्र अर्क के मिश्रण का उपयोग करें ।*

 क्या न करें ?

१] अधिक मीठे, खट्टे, तीखे, मिर्च-मसालेदार, तले हुए, अधिक नमक व विरुद्ध आहार के सेवन से बचें । चाय-कॉफी तथा नशीली वस्तुओं से दूर रहें ।*

२] ज्यादा धूप से बचें । गीले, अधिक तंग व नायलॉन के कपड़े तथा प्लास्टिक के जूतों का उपयोग न करें ।*

३] चर्मरोगी के कपड़े एवं उसकी उपयोग की गयी चीजों का उपयोग न करें ।*

४] क्रोध, घृणा, ईर्ष्या आदि से रक्त-विकार होने से भी त्वचा-रोग होते हैं । इनसे बचने हेतु सत्संग-श्रवण, जप, आत्मविचार, सदाचार का अवलम्बन लें ।*

5] सप्तधान्य उबटन, मुलतानी मिट्टी, त्रिफला व हिंगादि हरड़ चूर्ण एवं गोमूत्र अर्क समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं ।*

सुख सम्पदा बढ़ाने के लिए

*सुख सम्पदा बढ़ाना हो तो, साबुत नमक, साबुत धनिया, साबुत हल्दी की ५ गाठें और ११ कमल के गट्टे (कमलककड़ी) एक पतले मलमल के कपड़े में बांधकर घर में रखें । इससे सात्विक ऊर्जा बनेगी व बरकत आएगी और लक्ष्मी का घर में निवास होगा ।*

३ बार श्री हरि… श्री हरि… श्री हरि… बोलने पर एक मंत्र माना जाता है । ऐसा जप १ महीने तक करें और मंत्र दाता गुरु का आदर करें ।*

*🔹विद्यार्थियों को बुद्धिशक्ति बढ़ाने की युक्ति🔹*

१) भ्रूमध्य को अनामिका से हलका रगड़ते हुए ‘ॐ गं गणपतये नम: । ॐ श्री गुरुभ्यो नम’ करके तिलक करें । फिर २ – ३ मिनट प्रणाम की मुद्रा में ( शशकासन करते हुए दोनों हाथ आगे जोड़कर ) सिर जमीन पर लगा के रखें । इससे निर्णयशक्ति, बौद्धिक शक्ति में जादुई लाभ होता है । क्रोध, आवेश, वैर पर नियन्त्रण पानेवाले द्रव्यों का भीतर विकास होता हैं ।*

२) सूर्योदय के समय ताँबे के पात्र में जल ले के उसमें लाल फूल, कुमकुम डालकर सूर्यनारायण को अर्घ्य दें । जहाँ अर्घ्य का जल गिरे वहाँ की गीली मिट्टी का तिलक करें तो विद्यार्थी की बुद्धि बढ़ने में मदद मिलती है । बुद्धि में चार चाँद लग जाते हैं ।*

३) सोते समय ललाट से तिलक का त्याग कर देना चाहिए

*- 📖 ऋषि प्रसाद – मई २०१६ से*

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