आज 28 दिसम्बर का पञ्चाङ्ग
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🌤️ *दिनांक – 28 दिसम्बर 2022
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष मास*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – षष्ठी रात्रि 08:44 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र – शतभिषा दोपहर 12:46 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
🌤️ *योग – सिद्धि दोपहर 02:21 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:40 से दोपहर 02:02 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:15*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:04*
👉 *दिशाशूल -उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण–
🔥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *उम्र बढाने हेतु* 🌷
🙏🏻 *स्कन्द पुराण में आया है कि भोजन करते समय ५ अंग धोकर जो भोजन करता है उसकी उम्र १०० साल की होती है … उसकी आयु बढ़ती है ५ अंग …२ हाथ ….२ पैर… और मुंह धोकर भोजन करने बैठें ।*
🙏🏻 *- श्री सुरेशानंदजी उज्जैन 8/1/2012*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ 28 दिसम्बर 2022 बुधवार को दोपहर 02:22 से 29 दिसम्बर, गुरुवार को सुबह 11:46 तक व्यतिपात योग है।*
📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर