कचड़े के ढ़ेर ने पूर्णिया नगर निगम को नरक निगम बनाकर छोड़ दिया
10 वर्ष से ज्यादा हुए पूर्णिया नगर निगम बने हुए फिर भी कूड़े कचरे का अंबार इस ऐतिहासिक जिले को बना रहा दागदार
पूर्णिया शहर के बीचोबीच नगर निगम के द्वारा कप्तान पुल के पास डंप किया जाता है कचड़ा
पूर्णिया: पूर्णिया को जब नगर निगम का दर्जा मिला तो शहर के लोगों को एक उम्मीद जगी की यह शहर भी नई ऊंचाई को हासिल करेगा।किंतु आज सुविधा के नाम पर शहर वासी ठगे से महसूस कर रहे हैं।कचड़ा और गंदगी इसकी पहचान बन चुकी है।कप्तान पुल के दोनों साइड रामबाग जाने वाला रास्ता, रूईगोला जाने वाला रास्ता एवं कप्तान पारा पेट्रोल पंप के पास बहुत ही दयनीय स्थिति है। इस संदर्भ में अजीत कुमार भगत,समाजसेवी सह महापौर प्रत्याशी ने कहा कि अब मनमानी नही चलने देंगे। पूर्णिया के महापौर के 10 वर्ष के कार्यकाल पर हंसी आती है। पूर्णिया शहर के बीचो बीच नगर निगम क्षेत्र के कप्तान पुल के दोनों साइड नगर निगम के द्वारा जो कई वर्षों से कूड़े कचरे डंप किए जा रहे हैं अनुचित सफाई व्यवस्था है।
कप्तान पुल के आसपास कई लोगों के घर है और अस्पताल भी है कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं शैक्षिक संस्थान भी है।कूड़ा करकट के फैले रहने से अनेक बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है।वहीँ चारों ओर फैली गंदगी से मच्छरों को भी पनपने का मौका मिल रहा है। जिससे आसपास के लोगों को मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां होने की संभावना है।ऐसे में लोग बाहर निकलना बंद कर दिए। तथा गंदी बदबू के कारण लोगों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इसी NH-31 कप्तान पुल रास्ते से होकर रोज कई लाख लोग सफर करते हैं उन्हें यहां पर मुंह ढांककर, सांस रोककर जाने की समस्या उत्पन्न होती है।उन्होंने कहा कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है।जनप्रतिनिधि,नेता कुर्सी पर बैठकर जनता की समस्याओं को दरकिनार कर दिए हैं।