चिराग का चाचा पर हमला कहा जब मैं बीमार था तो मेरे पीठ पीछे षडयंत्र रची गई
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में जारी विवाद के बीच चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस दौरान उन्होंने पार्टी में चल रही गतिविधियों को लेकर अपना पक्ष रखा.
कहा- आठ अक्टूबर को मेरे पिताजी का निधन हुआ, उसके तुरंत बाद चुनाव में उतरने की चुनौती था, मेरे लिए कठिन वक्त था। चुनाव के चलतेा पा को याद करते हुए परिवार के साथ समय बिताने का भी वक्त नहीं मिला। इसके बाद परिवार खासकर मां के साथ समय बिताया।
ब्यूरो रिपोर्ट ईन्यूज बिहार
चिराग पासवान आज प्रेस से मुखातिब होते हुए अपने चाचा पशुपति पारस पर सिलसिले वार तरीके से कई हमले किये।चिराग ने कहा कि दुख मुझे इस बात का है कि जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे ये पूरा षड्यंत्र रचा गया। मैंने चुनाव के बाद अपने चाचा से संपर्क करने का, उनसे बात करने का निरंतर प्रयास किया।
चिराग पासवान ने कहा कि मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैने चुनाव लड़ा। कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे। मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई। मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे। उन्हहोंने नीतीश पर भी बोला हमला, कहा- हमलोगों ने गठबंधन से अलग होकर मजबूती से चुनाव लड़ा। चुनाव से पहले जब पापा (रामविलास पासवान) अस्पताल में थे तब भी जेडीयू के कुछ लोगों ने मेरी एलजेपी को तोडने का प्रयास किया।
चिराग ने जेडीयू पर हमला करते हुए कहा कि काफी समय से लोजपा को तोड़ने की कोशिश में थी जदयू। चिराग ने बिहार में NDA को नुकसान की बात मानी, कहा- मैं इस बात को स्वीकर करता हूं कि अगर बीजेपी+जेडीयू+एलजेपी मिलकर बिहार चुनाव में उतरती तो लोकसभा चुनाव की तरह एकतरफा परिणाम आते। लेकिन उस परिणाम के लिए मुझे नीतीश कुमार के सामने नत्मस्तक होना पड़ता।