आज का पञ्चाङ्ग
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पञ्चाङ्ग* ~ 🌞
*दिनांक 18 फरवरी 2021*
⛅ *दिन – गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – वसंत*
⛅ *मास – माघ*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – षष्ठी सुबह 08:17 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र – भरणी 19 फरवरी रात्रि 02:54 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
⛅ *योग – ब्रह्म 19 फरवरी प्रातः 03:23 तक तत्पश्चात इन्द्र*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 02:19 से शाम 03:45 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:08*
⛅ *सूर्यास्त – 18:37*
⛅ *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – वसंत ऋतु प्रारंभ*
💥 *विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *अचला सप्तमी* 🌷
🙏🏻 *अचला सप्तमी ( स्नान, व्रत करके गुरु का पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है | यह सम्पूर्ण पापों को हरनेवाली व सुख-सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है | )*
💥 *विशेष – 19 फरवरी 2021 शुक्रवार को अचला सप्तमी है ।*
🙏🏻 *स्त्रोत – लोककल्याण सेतु – दिसम्बर २०१६ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *भीष्म अष्टमी* 🌷
👉🏻 *19 फरवरी 2021 शुक्रवार को भीष्म अष्टमी, भीष्म श्राद्ध दिवस है | भीष्मजी के नाम से सूर्य को अर्घ्य दें तो संतान हीन् को संतान मिल सकती है और आरोग्य आदि प्राप्त होता है
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *भीष्म तर्पण दिवस* 🌷
🙏🏻 *भीष्मजी को जल अर्पण करें और संतान की प्राप्ति की इच्छा करें तो तेजस्वी आत्मा आती है ऐसा 19 फरवरी 2021 शुक्रवार को है इस बार शुक्ल अष्टमी तिथि, धवल निबंध ग्रंथ के अनुसार इस तिथि को भीष्म जी का तर्पण दिवस भी है ब्रह्मचारी भीष्म जी का तर्पण करने से लड़के लड़कियाँ तेजस्वी हो सकते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *भीष्म अष्टमी* 🌷
🙏🏻 *माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्म अष्टमी कहते हैं। इस तिथि पर व्रत करने का विशेष महत्व है। इस बार यह व्रत 19 फरवरी,शुक्रवार को है। धर्म शास्त्रों के अनुसार,इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्यागे थे।*
🙏🏻 *उनकी स्मृति में यह व्रत किया जाता है। इस दिन प्रत्येक हिंदू को भीष्म पितामह के निमित्त कुश,तिल व जल लेकर तर्पण करना चाहिए,चाहे उसके माता-पिता जीवित ही क्यों न हों। इस व्रत के करने से मनुष्य सुंदर और गुणवान संतान प्राप्त करता है-*
🌷 *माघे मासि सिताष्टम्यां सतिलं भीष्मतर्पणम्।*
*श्राद्धच ये नरा:कुर्युस्ते स्यु:सन्ततिभागिन:।।*
*(हेमाद्रि)*
🙏🏻 *महाभारत के अनुसार जो मनुष्य माघ शुक्ल अष्टमी को भीष्म के निमित्त तर्पण,जलदान आदि करता है,उसके वर्षभर के पाप नष्ट हो जाते हैं-*
🌷 *शुक्लाष्टम्यां तु माघस्य दद्याद् भीष्माय यो जलम्।*
*संवत्सरकृतं पापं तत्क्षणादेव नश्यति।।*
🌷 *ऐसे करें भीष्म अष्टमी व्रत* 🌷
🙏🏻 *भीष्म अष्टमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी या सरोवर के तट पर स्नान करना चाहिए। यदि नदी या सरोवर पर न जा पाएं तो घर पर ही विधिपूर्वक स्नानकर भीष्म पितामह के निमित्त हाथ में तिल, जल आदि लेकर अपसव्य (जनेऊ को दाएं कंधे पर लेकर) तथा दक्षिणाभिमुख होकर निम्नलिखित मंत्रों से तर्पण करना चाहिए-*
🌷 *वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृत्यप्रवराय च।*
*गंगापुत्राय भीष्माय सर्वदा ब्रह्मचारिणे।।*
*भीष्म: शान्तनवो वीर: सत्यवादी जितेन्द्रिय:।*
*आभिरभिद्रवाप्नोतु पुत्रपौत्रोचितां क्रियाम्।।*
🙏🏻 *इसके बाद पुन: सव्य (जनेऊ को बाएं कंधे पर लेकर) होकर इस मंत्र से गंगापुत्र भीष्म को अर्घ्य देना चाहिए-*
🌷 *वसूनामवताराय शन्तरोरात्मजाय च।*
*अर्घ्यंददामि भीष्माय आबालब्रह्मचारिणे।।*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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