आज का पञ्चाङ्ग
🌞 ~ *आज का हिन्दू पञ्चाङ्ग* ~
⛅ *दिनांक 12 फरवरी 2021*
⛅ *दिन – शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – माघ*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – प्रतिपदा रात्रि 12:29 तक तत्पश्चात द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र – धनिष्ठा दोपहर 02:23 तक तत्पश्चात शतभिषा*
⛅ *योग – परिघ 13 फरवरी रात्रि 02:20 तक तत्पश्चात शिव*
⛅ *राहुकाल – सुबह 11:27 से दोपहर 12:53 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:11*
⛅ *सूर्यास्त – 18:34*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल दोपहर 12:53 से सूर्यास्त तक)*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *गुप्त नवरात्रि* 🌷
👉 *माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ गुप्त नवरात्रियाँ है जिसकी शुरुआत 12 फरवरी से होने जा रही है l*
🙏 *एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l*
🌷 *शत्रु को मित्र बनाने के लिए* 🌷
🙏 *नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।*
🙏 *नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l*
👩 *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1*
👵 *जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :*
🌷 *“अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “*
🙏 *” ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE “*
🙏 *भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l*
👩 *माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2*
🙏 *माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं l)*
🌷 • *” ॐ ह्रीं गौरये नमः “* 🌷
🙏 *”Om Hreem Goryaye Namah”*
🙏 *मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l*
🐄 *गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l*
💶 *श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु* 💶
💥 *प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है*
🙏 *मंत्र ध्यान से पढ़ें* 🙏
🌷 *”ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “*
🌷 *” OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA “*
👦 *विद्यार्थियों के लिए* 👦
🙏 *प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।*
🙏 *इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l*
🙏 *बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।*
🙏 *अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l*
🙏 *–(श्री वेद-व्यास जी , देवी भागवत)*
🙏 *-श्री सुरेशानंद जी*
📚 *ऋषि प्रसाद, अप्रैल 2006 ऋषि प्रसाद , सितम्बर 2006 , पृष्ठ संख्या 11, अंक 165 ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2011, पृष्ठ संख्या 11, अंक 225*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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🌹 *ॐ आज की टिप्स ॐ* 🌹
🍯 *घी के लिए कौन-सा पात्र कितना उपयुक्त ?*
*प्राय: लोग अच्छे-से-अच्छा घी मिले इसके लिए अधिक दाम देने में भी पीछे नहीं हटते लेकिन यदि यह जानकारी नहीं है कि घी रखने के लिए कौन-सा बर्तन उपयुक्त है और कौन-से बर्तनों में रखा घी खराब हो जाता है तो अधिक दाम देकर भी खराब घी खायेंगे या तो घी के उत्तम गुणों का पूरा लाभ नहीं ले पायेंगे |*
❎🍯 *अनुपयुक्त बर्तन*
*सुश्रुत संहिता के अनुसार ‘काँसे के बर्तन में १० रात तक रखा हुआ घी नहीं खाना चाहिए |’*
*ब्रह्मवैवर्त पुराण में आता है कि ‘लोहे के बर्तन में रखा हुआ घी अभक्ष्य हो जाता है |’*
*अमेरिका के फ़ूड एड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार ‘सभी तरह का प्लास्टिक कुछ समय के बाद केमिकल छोड़ने लगता है |’ प्लास्टिक से बने बर्तनों, डिब्बों, थैलियों, दूध व पानी की बोतलों आदि में खाद्य पदार्थ कुछ समय तक रखें रहने पर रासायनिक क्रियाएँ होने से विषाक्त होने लगते हैं और भविष्य में कैंसर आदि घातक बीमारियों का कारण बनते हैं | अत: घी को प्लास्टिक के डिब्बों में रखना सुरक्षित नहीं हैं |*
✅🍯 *उपयुक्त बर्तन*
*स्टील के बर्तन खाद्य पदार्थों को हानि नहीं पहुँचाते । अतः घी स्टील के बर्तन में रख सकते हैं ।*
*काँच खाद्य पदार्थों में पायें जानेवाले अम्ल, क्षार व लवण आदि से अभिक्रिया नहीं करता | इससे काँच के पात्रों में रखे गये पदार्थ लम्बे समय तक ताजे और स्वादयुक्त रहते हैं , खराब नहीं होते | अत: घी की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए उसे काँच के बर्तन में रखना श्रेष्ठ है |*
🧉 *विशेष : आयुर्वेद के अनुसार एक वर्ष से अधिक पुराने घी को ‘पुराण घृत’ कहते हैं | इसकी गंध व स्वाद बिगड़ने लगते हैं पर यह अधिक गुणकारी होता है | अत: इसका प्रयोग विशेषरूप से औषधि के रूप में किया जाता है |*
🌹 *ऋषि प्रसाद – जनवरी २०२१ से*