झारखंड में संघर्ष की लंबी परंपरा : हेमंत सोरेन
शिबू सोरेन के 77वें जन्मदिन पर अनुज सिन्हा लिखित तीन पुस्तकों का लोकार्पण
कार्यक्रम का संचालन करते हुए लेखक – पत्रकार डॉ कुमार ध्रुव कुमार ने कहा कि शिबू सोरेन जल- जंगल- जमीन आंदोलन से जुड़े आदिवासी संघर्ष के लिए लोगों के दिलों में बसने वाले महानायक हैं, जो अपने समाजोपयोगी और आंदोलनकारी कार्यों के लिए जीते जी किंबदंती हो चुके हैं
रांची। आदिवासी संघर्ष के महानायक, राज्यसभा सांसद और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित करने वाले शिबू सोरेन के 77 में जन्मदिन के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा द्वारा लिखित तीन पुस्तकों दिशोम गुरु : शिबू सोरेन, आदिवासी संघर्ष के नायक : शिबू सोरेन और ट्राईबल हीरो : शिबू सोरेन का लोकार्पण संपन्न हुआ। प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों का लोकार्पण शिबू सोरेन की मौजूदगी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड का इतिहास संघर्ष का इतिहास है और झारखंड में संघर्ष की एक लंबी परंपरा है। यहां के लोगों में शिक्षा के अभाव के कारण उन दिनों के संघर्ष में शामिल लोगों की गाथाएं किताबों में संजोकर नहीं रखी जा सकी। खुशी की बात है अब यह सिलसिला शुरू हो गया है। तीनों पुस्तकों के लेखक अनुज कुमार सिन्हा को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से झारखंड के नायकों की वीर गाथाओं को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। विशेषकर बच्चों और नयी पीढ़ी को ऐसी पुस्तकों से बेहतर लाभ मिल सकेगा।
इस अवसर पर शिबू सोरेन ने कहा कि झारखंड का निर्माण महाजनी सभ्यता को दूर करने के लंबे आंदोलन का प्रतिफल है, लेकिन आदिवासी की समस्याओं का पूर्णत: निदान होना बाकी है। उन्होंने जंगल बचाओ आंदोलन की वकालत करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की जरूरत है । संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने विनोद बिहारी महतो सहित आंदोलन से जुड़े अन्य मित्रों सहयोगियों को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि हमने झारखंड आंदोलन के दौरान हड़िया तोड़ो- शराब छोड़ो अभियान के जरिए जन जागरूकता फैलाने की भी कोशिश की और आज भी इसकी झारखंड समाज को जरूरत है।
लेखक अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि इन पुस्तकों को लिखने में उन्हें ढाई दशक से अधिक का समय लगा। शिबू सोरेन पर लिखना झारखंड आंदोलन की विभिन्न कड़ियों को एक सूत्र में पिरोने जैसा था।
प्रभात प्रकाशन के निदेशक डॉ पीयूष कुमार ने कहा कि उनकी कोशिश है कि बेहतर और समाजोपयोगी पुस्तकों का प्रकाशन हो। साथ ही लोगों तक इसकी पहुंच बने, इस दिशा में उनकी कोशिश जारी है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए लेखक – पत्रकार डॉ कुमार ध्रुव कुमार ने कहा कि शिबू सोरेन जल- जंगल- जमीन आंदोलन से जुड़े आदिवासी संघर्ष के लिए लोगों के दिलों में बसने वाले महानायक हैं, जो अपने समाजोपयोगी और आंदोलनकारी कार्यों के लिए जीते जी किंबदंती हो चुके हैं। डॉ ध्रुव कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री व राजसभा सदस्य शिबू सोरेन को अपनी पुस्तक ” बौद्ध धर्म और पर्यावरण ” भेंट की।
इस अवसर पर शिबू सोरेन के पुत्र बसंत सोरेन, राज्य मंत्रिमंडल के तमाम सदस्यगण, विधायक, शिक्षाविद, प्रशासनिक अधिकारी और बुद्धिजीवी मौजूद थे।
प्रस्तुति : उत्कृष्ट गौरव