विश्व IVF दिवस पर इंदिरा IVF पटना में विशेष आयोजन, महिला आयोग अध्यक्ष रहीं मुख्य अतिथि

महिला सशक्तिकरण, चिकित्सा नवाचार और सामाजिक जागरूकता को साथ लेकर आगे बढ़ने के संकल्प के साथ किया गया।
पटना, दीपशिखा। आज विश्व IVF दिवस के अवसर पर पटना स्थित इंदिरा IVF सेंटर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा रहीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और मातृत्व के अधिकार जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उपस्थित महिलाओं से संवाद किया और IVF तकनीक के सामाजिक महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना था। महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि “IVF तकनीक आज केवल एक चिकित्सकीय प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह उन महिलाओं के लिए उम्मीद और अधिकार का प्रतीक है, जो वर्षों से मातृत्व के लिए संघर्ष कर रही हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब केवल शिक्षा या रोजगार नहीं, बल्कि उन्हें मातृत्व का निर्णय लेने की स्वतंत्रता देना भी है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक डॉ. दयानिधि एवं उनकी टीम को सफल आयोजन के लिए अध्यक्ष द्वारा बधाई दी गई। उन्होंने कहा कि इंदिरा IVF जैसी संस्थाएँ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के साथ खुले संवाद का सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे। इंदिरा IVF की ओर से नि:शुल्क परामर्श शिविर भी लगाया गया, जिसमें कई जोड़ों को लाभ मिला।
गौरतलब है कि विश्व IVF दिवस हर वर्ष 25 जुलाई को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1978 में विश्व की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी — लुईस ब्राउन — का जन्म हुआ था। इस तकनीक ने निःसंतान दंपतियों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया है।
कार्यक्रम का समापन महिला सशक्तिकरण, चिकित्सा नवाचार और सामाजिक जागरूकता को साथ लेकर आगे बढ़ने के संकल्प के साथ किया गया।