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मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था चौपट: डी राजा

भाकपा 23 मार्च से 14 अप्रैल तक चलायेगी राष्ट्रव्यापी राजनीति अभियान

पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद का॰ डी॰ राजा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है। केंद्र सरकार आरएसएस के एजेंडों को लागू कर रही है। साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लोकतंत्र व संविधान की रक्षा हेतु  तथा समाजवाद और सामाजिक न्याय के लिए शहीदे आजम भगत सिंह की शहादत दिवस 23 मार्च से लेकर संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्वेडकर की जयंती 14 अप्रैल तक राष्ट्रव्यापी राजनीतिक अभियान चलाएगी।


भाकपा महासचिव बुधवार को जनशक्ति में राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद में पेश किये गए बजट पूरी तरह जन विरोधी और पूंजीपतियों की हितैषी है। भारत की अर्थव्यवस्था अमीरों के पक्ष में नीतियों के परिणामस्वरूप गहरे संकट का सामना कर रही है, जो बहुसंख्यक आबादी की कीमत पर कारपोरेट  के हितों को प्राथमिकता देती है। शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, सरकारी प्रोत्साहनों के बावजूद निजी निवेश की गति नहीं पकड़ पा रही है। मुद्रास्फीति के दबाबों के कारण जीवन-यापन की लागत बढ़ गई है, जिससे आम नागरिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस बीच, बेरोजगारी की दर चिंताजनक रूप से उच्च बनी हुई है, रोजगार सृजन बढ़ती श्रम शक्ति के साथ तालमेल नहीं रख पा रहा है। असमानता बढ़ी है, जो गहरी प्रणालीगत समस्याओं को दर्शाती है। दुनियाँ की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बारे में सरकार के महत्वाकांक्षी दावे जमीनी हकीकत से अलग प्रतीत होते हैं, क्योंकि भारत प्रति व्यक्ति आय के मामले में वैश्विक स्तर पर 140वें स्थान पर है। हाल के आर्थिक संकेत, जैसे कि रुपये में गिरावट और जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट, इन चुनौतियों को रेखांकित करते हैं। केंद्र सरकार कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के नाम पर तीन काले कृषि कानूनों जिन्हें किसानों के विरोध के कारण निरस्त कर दिया गया था की सामग्री को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। सरकार कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (डैच्) की मांग को न मानने वाले कृषक समुदाय के खिलाफ सख्त बनी हुई है।
केंद्र सरकार अपनी मजदूर विरोधी नीतियों पर अडिग है।
भाकपा महासचिव ने कहा कि सरकार ने संसद में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बैनर तले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की वकालत की गई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इस पहल का कड़ा विरोध किया है, इसे असंवैधानिक और संघीय-विरोधी बताया है। इसका तर्क है कि यह कदम राज्य सरकारों की स्वायत्तता और शक्तियों को कमजोर करता है। संविधान में निहित संघीय ढांचे के लिए सीधा खतरा है और राज्यों की अपनी विशिष्ट चुनावी और शासन संबंधी जरूरतों पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता को सीमित करके लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने का जोखिम है। हमारी पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध करते हुए विधि आयोग और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति को अपने विचार प्रस्तुत किए थे।

भाकपा महासचिव ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली विधनसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के वोटो के बंटवारे के कारण भाजपा को जीत मिली। इस तरह की कार्रवाइयाँ इंडिया ब्लॉक की एकजुट निर्णय लेने और एकीकृत राजनीतिक एजेंडा बनाने की क्षमता को कमजोर करती हैं। इंडिया ब्लॉक की राजनीतिक निरंतरता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए, एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) स्थापित करना अनिवार्य है। एक सीएमपी एक बाध्यकारी ढांचे के रूप में कार्य कर सकता है जो साझा लक्ष्यों को प्राथमिकता देता है, आंतरिक संघर्षों को कम करता है, और महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर गठबंधन को रेखांकित करता है ताकि विधानसभाओं और संसद के अंदर और साथ ही व्यापक सार्वजनिक चर्चा में आरएसएस-बीजेपी सरकार को प्रभावी ढंग से चुनौती दी जा सके। इसके अतिरिक्त, ब्लॉक को अपने सहयोगियों के बीच एक अच्छी तरह सीट-बंटवारे की व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
भाकपा महासचिव ने धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक दलों से एकजुट होकर  बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के एन.डी.ए. गठबंधन को सत्ता से हटाने का आह्वान् किया। इस मौके पर भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि महागठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से भाकपा और माकपा ने बिहार के सभी 38 जिला मुख्यालयों पर 20 मार्च को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। भाकपा का 25वां राज्य सम्मेलन 10 से 14 जून 2025 को पटना में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर 10 जून को रैली होगी। संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जानकी पासवान भी मौजूद थे।
राज्य कार्यकारिणी की बैठक से पहले किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की 136वीं जयंती के अवसर पर उनके तैलचित्र पर पार्टी के महासचिव का॰ डी. राजा सहित राज्य कार्यकारिणी के उपस्थित सदस्यगण एवं अन्य लोगों ने पूष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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