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शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है केएसआर महाविद्यालय, सरायरंजन : अर्चना

सरायरंजन (समस्तीपुर) :बहुत सारे शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है सुदूर ग्रामीण अंचल में अवस्थित केदार संत रामाश्रय डिग्री महाविद्यालय सरायरंजन। उक्त बातें शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय रामपुर ज़लालपुर की वाइस प्रिंसिपल अर्चना कुमारी ने कहीं। वह गुरुवार को महाविद्यालय के सभागार में छात्रों के प्रति शिक्षकों के कर्तव्य विषय पर अपने विचार प्रकट कर रहीं थीं।केएसआर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर विपिन कुमार झा‌ की अध्यक्षता में आयोजित विषय गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ .झा ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि अपने उज्जवल चरित्र एवं ज्ञान से छात्र छात्राओं के चरित्र निर्माण के साथ ही जीवन के सर्वांगीण ज्ञान उपलब्ध कराना ताकि सभी छात्र देश के भी सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त कर सकें। शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय की प्राचार्य एवं अन्य प्राध्यापकों ने के एस आर महाविद्यालय सरायरंजन की स्वच्छता , अनुशासन , गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सहित सारी व्यवस्थाओं की भूरि –भूरि प्रशंसा की एवं दूसरे शिक्षण संस्थानों के लिए आदर्श उदाहरण बताया।शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं सभी शिक्षक सहित लगभग 200 प्रशिक्षु शिक्षकों ने केदार संत रामाश्रय महाविद्यालय सरायरंजन का भ्रमण किया। भ्रमण टीम ने महाविद्यालय के हिंदी विभाग में पहुंचकर हिंदी साहित्य के संबंध में गंभीर विचार विमर्श किया। वहीं शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राध्यापक को एवं प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा के शर्मा महाविद्यालय के सभी विभागों में जाकर ज्ञान का आदान-प्रदान किया। भ्रमण टीम का नेतृत्व वाइस प्रिंसिपल अर्चना कुमारी, प्राध्यापक राज कुमार , मनीष कुमार आदि कर रहे थे। मौके पर प्रो. अवधेश कुमार झा,प्रो.मिहिर कुमार मिश्र ,प्रो. अशोक कुमार ठाकुर, प्रो. रंजन कुमार राय, प्रो. जगन्नाथ झा, प्रो. देवेंद्र चौधरी आदि आदि मौजूद रहे।

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