हर किसी के लिए सदैव समर्पित रहे कपिलदेव बाबू
5/05/2024 तरियानी, शिवहर: अपने लिए नहीं सदैव दूसरों के लिए समर्पित रहे लोकप्रिय शिक्षाविद डॉ कपिल देव नारायण सिंह। कहते हैं ना व्यक्ति के जीते जी उपयोगिता को नहीं समझा जा सकता,उनके जाने के बाद उनके अच्छे कार्य याद किए जाते हैं और उनके महान कृतित्व ही उन्हें अमर बना देता है।डॉ कपिल देव नारायण जी की आज तृतीय पुण्यतिथि के अवसर पर उनके कृतित्व और व्यक्तित्व के सारगर्भित बातों को याद कर लोग भावुक हुए और उनकी प्रेरणादायक बातों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत को भी समझा गया।तरियानी प्रखंड के गंगाधरमपुर में डॉक्टर कपिल देव नारायण सिंह जी के तृतीय पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में परिवार के लोगों के अलावा ग्रामवासी भी उपस्थित थे।सभी ने पुष्पांजलि अर्पित किया।साथ ही डॉ कपिल देव बाबू को याद किया। स्मृति समारोह में उनके द्वारा किया गया छोटी-छोटी स्मृतियों को सभी ने आपस में साझा किया गया ।चाहे वह किसी गरीब और मेघावी छात्र को निशुल्क शिक्षा दिलाने का रहा हो या फिर किसी सामान्य जरूरतमंद की जरूरत को पूरा करना रहा हो। हमेशा ही समाज सेवा में तत्पर रहे डॉक्टर कपिल बाबू।
बता दें कि युगपुरुष डॉ. कपिल देव नारायण सिंह आरंभिक शिक्षा अपने गांव में ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने नवाब हाई स्कूल से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण किया। उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि एलएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर में प्राचार्य के पद को सुशोभित किया। जहां ये उच्च शिक्षा ग्रहण किये थे। इनकी प्रथम नियुक्ति आर.के गोयनका कॉलेज, सीतामढ़ी में व्याख्याता के पद पर हुई थी। उन्होंने रामेश्वर महाविद्यालय मुजफ्फरपुर, जीवछ महाविद्यालय मोतीपुर, नितिश्वर महाविद्यालय मुजफ्फरपुर, एस.एन.एस महाविद्यालय मोतिहारी, एम.एस महाविद्यालय मोतिहारी, लंगट सिंह महाविद्यालय मुजफ्फरपुर के प्राचार्य रूप मे रहे।
संत प्रेम भिक्षु इंटर कॉलेज मुजफ्फरपुर के संस्थापक सह अध्यक्ष रहे।साथ ही उन्होंने राज नारायण सिंह इंटर कॉलेज मुजफ्फरपुर, अवध बिहारी कॉलेज लालगंज, सत्येंद्र नारायण सिंह कॉलेज हाजीपुर में विभिन्न पदों पर अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
लगभग 20 वर्षों तक विभिन्न कॉलेज में प्राचार्य के रूप में निर्विवाद अपनी सेवा देते रहे और
महान शिक्षाविद के रूप में अमिट छाप छोड़ कर 5 मई 2021 को इस नश्वर संसार को छोड़कर परलोक बासी हो गए। इनके दो अनमोल रत्न ई. पंकज कुमार सिंह और ई.पवन कुमार सिंह सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक विरासत को और अधिक समृद्ध और आलोकित कर रहे हैं। कपिल देव बाबू की दो पुत्रियां शिक्षण कार्य से जुड़ कर अपने-अपने क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ रही है। इस मौके पर प्राणेश कुमार अंचल प्रबन्धक इंडियन बैंक, प्रो सुरेन्द्र प्रसाद सिंह,प्रो. गौड़ी शंकर सिंह, चन्द्र मोहन राय, मौजे लाल राय, जवाहर राय, सत्य नारायण राय, , कामेश्वर नारायण सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, प्रो. हरिश्चन्द्र कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह, रमेश कुमार, प्राणेश कुमार पंकज, पुष्पेश कुमार, पार्थ, पियुष सिंह,सुरेश कुमार सिंह, वरुण कुमार सिंह पूर्व रेलवे अधिकारी एवं कई जिलों से आए उनके शिष्य आदि उपस्थित थे।