जब तक डी.आर.सी.सी के कर्मियों का भविष्य रहेगा अधूरा नहीं होगा मुख्यमंत्री जी का सात निश्चय पूरा
सवाल है कि इसी महागठबंधन की सरकार ने जब इन कर्मियों को नियोजित किया तो फिर ये ही क्यों इनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं ?
सरकार के आलाधिकारियों की उदासीन रवैया से तंग आकर बिहार के सभी जिले के सिंगल विंडो ऑपरेटर एवं मल्टी परपस असिस्टेंट दिनांक 10.10.2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हैं l बिहार राज्य सिंगल विंडो ऑपरेटर एवं मल्टी परपस असिस्टेंट संघ ने एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान कर दिया है . विदित हो कि पिछले मार्च में भी डी.आर.सी.सी में नियोजित कर्मियों ने अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल किया था तब उस समय के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक मिथिलेश मिश्र ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष आकाश सिंह को लिखित आश्वासन देकर हड़ताल स्थगित करवाया था जिसपर भरोसा करके संबंधित कर्मियों ने हड़ताल स्थगित कर दिया और अपने कामकाज पर पुनः लौट गए . लेकिन उन मांगो में सिर्फ एक माँग कर्मियों के ही जमा सिक्योरिटी मनी को वापस किया गया. कुछ दिन बाद ही श्री मिश्र का स्थानांतरण हो गया और इन कर्मियों की शेष मांगें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
बहरहाल उनकी मांगों से संबंधित संचिका पर सरकार के आलाधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं जिसके कारण इस बार प्रदेश के सभी डी.आर.सी.सी कर्मियों ने आर-पार की लड़ाई के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है.
प्रदेश अध्यक्ष आकाश सिंह का कहना है कि विभाग जब मेरा ही भविष्य कर दिया है अधूरा, तो कौन करेगा 7 निश्चय को पूरा. जबकि इन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से प्रत्येक दिन देश के कर्णधार युवाओं को सैकड़ों की संख्या में निराश होकर डीआरसीसी से बैरंग वापस लौटना होगा ! डीआरसीसी में पूरे दिन शिक्षा ऋण हेतु बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने हेतु मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना तथा कुशल युवा कार्यक्रम योजना से लाभान्वित होने के लिए खचाखच भीड़ उमड़ती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट भी है ल
बिहार के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए युवाओं को अब हड़ताल समाप्त होने का इंतज़ार करना पड़ेगा. बिहार विकास मिशन के अलाधिकारियों की उदासीन रवैये के कारण हजारों युवाओं की पढ़ाई भी ठप्प हो सकती है क्योंकि इन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से न तो समय पर पैसा जा पायेगा न बच्चे कॉलेज के परीक्षा में सम्मिलित हो पायेंगे.
सवाल है कि इसी महागठबंधन की सरकार ने जब इन कर्मियों को नियोजित किया तो फिर ये ही क्यों इनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं ?
पूरे बिहार के युवा विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के आते रहेंगे और बैरंग डीआरसीसी से लौटना पड़ेगा. सरकार को चाहिए कि इन कर्मियों के मांगों को शीघ्र पूरा करके इन्हें समृद्ध बिहार की परिकल्पना को पूरा करने के लिए आगे लाएं.