राज्यपाल ने त्रिदिवसीय वैदिक सम्मेलन का किया उद््घाटन

पटना, 17 अगस्त, 2023
‘‘हमारी परम्परा व आध्यात्मिकता तथा वर्तमान आधुनिकता के बीच समन्वय स्थापित करते हुए वैदिक ऋचाओं के भावों को आज के परिप्रेक्ष्य में सहज एवं सरल ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है ताकि सबलोग इन्हें आसानी से समझ सकें।’’ -यह बातें महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन एवं महावीर मंदिर, पटना के संयुक्त तत्वावधान में महाराणा प्रताप भवन, पटना में आयोजित त्रिदिवसीय वैदिक सम्मेलन के उद््घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
राज्यपाल ने कहा कि मैक्समूलर सहित अनेक विदेशी विद्वानों ने वेदों की व्याख्या अपने तरीके से की और इसमें उनका हित निहित था। आवश्यकता है कि वैदिक ऋचाओं के भावों को युवा पीढ़ी के सामने आज के सन्दर्भों र्मे सहज एवं सरल ढंग से रखा जाए। उन्होंने देश में समरसता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसका भाव वेदों से आता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा में वेदाध्ययन को शामिल किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की आत्मा आध्यात्मिकता में निहित है तथा हजारों वर्षों से हमने इसे सँजोया है। सबके प्रयासों से इस विषय को आगे लेकर बढ़ने से ही हम भारत को विश्व गुरू बना सकेंगे।
कायर्क्रम को श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव श्री किशोर कुणाल तथा महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के उपाध्यक्ष डाॅ प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर अनेक वैदिक विद्वान, वेदपाठी आचार्य व विद्याथीर्गण, गणमान्य व्यक्ति एवं अन्य लोग उपस्थित थे।