आज 4 मार्च का पञ्चाङ्ग साथ ही जानिये होली में क्या करें
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 04 मार्च 2023*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *मास – फाल्गुन*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वादशी सुबह 11:43 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र – पुष्य शाम 06:41 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
*🌤️योग – शोभन शाम 07:37 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:54 से सुबह 11:22 तक*
*🌞 सूर्योदय- 06:58*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:42*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्री गोविंद द्वादशी,पयोव्रत समाप्त,शनिप्रदोष व्रत*
🔥 *विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
👉🏻 *होली के दिन इस मंत्र का जप करने से दुख परेशानी होगी दूर | होली के दिन नहाने में इनका उपयोग करे* ⤵️
🌷 *होली विशेष* 🌷
🔥 *होली का दिन चंद्रमा का प्रागट्य दिन है | जो लोग सदा किसी न किसी दुःख से पीड़ित रहते हो , तो दुःख और शोक दूर करने के लिए विष्णु-धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि होली के दिन भगवान के भूधर स्वरुप अर्थात पृथ्वी को धारण करनेवाले भगवान का ध्यान और जप करना चाहिये | मंत्र बोलना चाहिये होली के दिन इनका विशेष माहात्म्य और फायदे है -*
🌷 *ॐ भूधराय नम:….. ॐ भूधराय नम: ….. ॐ भूधराय नम:*
🙏🏻 *और नीचे श्लोक एक बार बोलना और भगवान को, गुरु को विशेषरूप से प्रणाम और पूजन कर लें –*
*धरणीम् च तथा देवीं अशोकेती च कीर्तयेत् |*
*यथा विशोकाम धरणी कृत्वान्स्त्वां जनार्दन: ||*
🙏🏻 *( हे भगवान जब जब भी पृथ्वी देवी असुरों से पीड़ित होकर आपको पुकारती है , तब तब आप राक्षसों का वध करते है और पृथ्वी को धारण करके उसका शोक दूर कर देते है | ऐसे आप भगवान मेरे भी शोक, दुःख आदि का हरण करे और मुझे धारण करें | ) खाली होली के दिन ये करें |*
🔥 *और होली को रात को चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिये | जिनके घर मे पैसों की तंगी रहती है, आर्थिक कष्ट सहना पड़ता है | तो होली को रात दूध और चावल की खीर बनाकर चंद्रमा को भोग लगाये | पानी, दूध, शक्कर, चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दे , दिया जलाकर दिखायें और थोड़ी देर चंद्रमा की चाँदनी में बैठकर गुरुमंत्र का जप करें | और प्रार्थना करें हमारे घर का जो आर्थिक संकट है वो टल जायें, कर्जा है तो उतर जाये | होली की रात फिर बैठकर जप करें बहुत फायदा होगा | चंद्रमा उदय होने पर चंद्रमा में भगवान विष्णु, लक्ष्मी और सूर्य की भावना करके अर्घ्य देना चाहिये , कि सामने भगवान विष्णु ही बैठे है | भगवान ने गीता में कहा ही है कि नक्षत्रों का अधिपति चन्द्रमा मैं ही हूँ | ये शास्त्रों की बात याद रखे कि दुःख की और कर्जे की ताकत नहीं कि उस आदमी के सिर पर बना रहे |*
🌷 *श्रीर्निषा चन्द्र रुपस्त्वं वासुदेव जगत्पते |*
*मनोविलसितं देव पूर्यस्व नमो नमः ||*
🌷 *ॐ सोमाय नम: |*
🌷 *ॐ नारायणाय नम: |*
🌷 *ॐ श्रीं नम: |*
🙏🏻 *लक्ष्मीजी का मंत्र – ॐ श्रीं नम: होली की रात घर मे आर्थिक परेशानी को दूर भगाने वाला ये सरल प्रयोग है |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कर्जे के भार से बचें* 🌷
➡ *उबटन वाला स्नान यानी सात चीजों का उबटन लगा के नहाओ सात चीजें हैं :*
👉🏻 *१ गेहूँ*
👉🏻 *२ चावल ( जो ज्वार खाते हों वो ज्वार और जो चावल खाते हों वो चावल ले सकते हैं )*
👉🏻 *३ मूँग*
👉🏻 *४ चना*
👉🏻 *५ उड़द*
👉🏻 *६ जौं*
👉🏻 *७ तिल कर्जे के भार से छुड़ाने में बड़ा काम करेगा |*
➡ *इस का समान भाग मिश्रण बना लें उसको चक्की में पिसवाकर उस पाउडर का घोल बनाकर उससे नहाऐं पहले ललाट पर (भस्म की तरह बीच की तीन उँगलियों से लगायें) लगायें आधा-एक मिनट “ॐ नमः शिवाय ” बोलें इससे पाप नाशिनी ऊर्जा पैदा होगी और स्वास्थ्य में कितने लाभ होगें बता नहीं सकते, साबुन लगाने से डिप्रेशन होता है, शरीर के रोम-कूप पर बुरा असर पड़ता है*
➡ *सप्त धान उबटन का स्नान रोज करो | बहुत मदद मिलेगी …. गृह पीड़ा दूर होगी बहुत फायदा होगा |*
🙏🏻 *- श्री सुरेशानंदजी Haridwar 7 May’ 2012*
📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞