E-News Bihar

Latest Online Breaking News

आज 18 फरवरी के पञ्चाङ्ग जाने महाशिवरात्रि महिमा

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 18 फरवरी 2023*

*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2079*
*⛅शक संवत् – 1944*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*⛅मास – फाल्गुन (गुजरात, महाराष्ट्र में माघ)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – त्रयोदशी रात्रि 08:02 तक ततपश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा शाम 05:42 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग – व्यतिपात शाम 07:36 तक तत्पश्चात वरियान*
*⛅राहु काल – सुबह 10:02 से 11:28 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:10*
*⛅सूर्यास्त – 06:37*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:30 से 06:20 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 से 01:19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – व्यतिपात योग, शनिप्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि व्रत*
*⛅विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 महाशिवरात्रि -18 फरवरी 2023 🌹*

*🔸शिव-पूजन (निशीथकाल : रात्रि १२-२८ से १-१९ तक ।)*
*🔸प्रहर :- प्रथम : शाम ६-३७ से, द्वितीय : रात्रि ९-४५ से तृतीय : मध्यरात्रि १२-५३ से, चतुर्थ : १९ फरवरी प्रातः ४-०२ से) ।*
*🔸पारणा : १९ फरवरी सूर्योदय के बाद ।*

*🌹 महाशिवरात्रि महिमा 🌹*

*🌹1. शिवरात्रि में रात्रि जागरण, बिल्वपत्र चंदन पुष्प आदि से शिव पूजन तथा जप ध्यान किया जाता है । यदि इस दिन ‘बं’ बीजमंत्र का सवा लाख जप किचा जाच तो जोड़ों के दर्द एवं वायु सम्बंधी रोगों में विशेष लाभ होता है ।*

*🌹2. “इशान संहिता’ में भगवान शिव पार्वती जी से कहते हैं- ‘फाल्गुन के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को आश्रय करके जिस अंधकारमची रात्रि का उदय होता है, उसी को शिवरात्रि कहते हैं । उस दिन जो उपवास करता है वह निश्वय ही मुझे संतुष्ट करता है । उस दिन उपवास करने पर में जैसा प्रसन्न होता हूँ, वैसा स्नान कराने से तथा वस्त्र, धूप और पुष्प के अर्पण से भी नहीं होता ।”*

*🌹3. शिवरात्रि को भक्तिभाव से रात्रि जागरण किया जाता है । इस रात्रि में किये जाने वाले जप, तप और व्रत हजारों गुना पुण्य प्रदान करते हैं ।*

*🌹4. ‘शिवरात्रि व्रत सर्वश्रेष्ठ है, इससे बढ़कर श्रेष्ठ कुछ नहीं है । जो जीव इस रात्रि में त्रिभुवनपति भगवान महादेव की भक्तिपूर्वक पूजा नहीं करता, वह अवश्य सहस्र वर्षों तक जन्म-चक्रों में घूमता रहता है ।’ – ‘स्कंद पुराण’*

*शिवरात्रि व्रत सभी पापों का नाश करने वाला है और यह योग एवं मोक्ष की प्रधानता वाला व्रत है ।*

*🌹5. करोड़ों करोड़ों हत्या किया हुआ व्यक्ति भी इस प्रकार शिवजी को प्रार्थना करके शिवरात्रि का व्रत करे तो उसकी हत्याएं माफ हो जाती हैं, पाप शमन हो जाते हैं और भगवान की भक्ति मिलती है।*

*🌹6. शिवरात्रि का व्रत न करने से पाप लगता है लेकिन करने से ऐसी बुद्धि होती है जैसी सतयुग, त्रेता और द्वापर के लोगों की होती थी और वही पुण्यलाभ प्राप्त होता है, जो उस काल में मिलता था क्योंकि काल के प्रभाव से जो पुण्य लुप्त हो गये हैं, वे शिवरात्रि के दिन पूर्णतः विद्यमान होते हैं ।*
*(फरवरी 2013, अंक – 242, पेज-2)*

*🌹7. “हिमालय, सुमेरु अपनी मर्यादा छोड़ दे, समुद्र सुख जाए या समुद्र कोई और रूप हो जाए, फिर भी… वो भले अपनी मर्यदा छोड़ दे… उनका प्रभाव भले नष्ट हो जाये लेकिन शिवरात्रि का व्रत उपवास करनेवाले का पुण्य प्रभाव नष्ट नहीं हो सकता ये शास्त्र वचन है” – पूज्य बापूजी*

*🌹महाशिवरात्रि की रात ‘ॐ नमः शिवाय’ जप*

*🌹 ॐ नमः शिवाय मंत्र तो सब बोलते हैं लेकिन इसका छंद कौन सा है, इसके ऋषि कौन हैं, इसके देवता कौन हैं, इसका बीज क्या है, इसकी शक्ति क्या है, इसका कीलक क्या है – यह मैं बता देता हूँ। अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र । वामदेव ऋषिः । पंक्तिः छंदः । शिवो देवता । ॐ बीजम् । नमः शक्तिः। शिवाय कीलकम्ब। अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है ‘शिवाय’, ‘नमः’ है शक्ति, ॐ है बीज… हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उस संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी ।*
*📖- ऋषि प्रसाद – फरवरी 2011*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद – मई 2018 से*

 

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!