आज 13 फरवरी का पञ्चाङ्ग
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 13 फरवरी 2023*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – फाल्गुन ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार माघ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – सप्तमी सुबह 09:45 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा 14 फरवरी रात्रि 02:36 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*🌤️योग – वृद्धि दोपहर 02:17 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:36 से सुबह 10:02 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:11*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:34*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- -विष्णुपदी कुम्भ संक्रांति (पुण्य काल :सूर्योदय से सुबह 09:57 तक)*
*🔥विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
👉🏻 *सूर्य भगवान और शनिदेव होगे तुरंत राजी इस दिन करे इनका पूजन | इस दुर्लभ योग का लाभ प्राप्त करे*
🌷 *’मातृ–पितृ पूजन दिवस’ ज्योतिष की दृष्टि से*
🙏🏻 *अपने माता पिता का आदर करते और वेलेंटाईन डे का कचरा दिमाग में न रखें …..कि ये लोग मानते हैं तो हम भी मनाये… नहीं !! अपने माता पिता का पूजन करें…. बापूजी ने सहज में ऐसी सुन्दर सीख दी । हर साल जो 14 फरवरी को वेलेंटाईन डे मनाते हैं न ….मूर्ख लोग…. पर*
🙏🏻 *14 फरवरी के दिन अधिकांशतः सूर्य भगवान कुम्भ राशि पे होतें है । बिलकुल कोई पंडित इसको नकार नहीं सकता, लगभग अधिकांश 14 फरवरी को सूर्य भगवान कुम्भ राशि पे होतें हैं और कुम्भ राशि के स्वामी कौन हैं ? शनि देव । कुम्भ राशि के स्वामी शनि, शनि देव सूर्य भगवान के बेटे हैं । तो वो अपने पिता का खूब आदर करते और पिता की परिक्रमा करते हैं । तो जो 14 फरवरी के दिन वेलेंटाईन डे मनाते हैं न उनपे सूर्य भगवान और शनि देव दोनों नाराज़ होतें है भयंकर और 14 फरवरी के दिन बापूजी के कहे अनुसार जो माता पिता का पूजन करते हैं उनपे सूर्य भगवान और शनि देव दोनों खुश होते हैं …. क्यो कि उस दिन शनि देवता भी सूर्य भगवान की पूजा करते हैं और सूर्य भगवान की परिक्रमा करते
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कोई भी ग्रह विपरीत हो तो*🌷
🙏🏻 *नौ ग्रहों में से कोई भी ग्रह*
*किसी का विपरीत हो या कष्टदायी हो रहा हो तो शिवजी की पूजा करने से सब शांत रहते हैं | सब ग्रहों के स्वामी हैं शिवजी*।
📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*