E-News Bihar

Latest Online Breaking News

आज 6जनवरी2023 का पञ्चाङ्ग

🌤️ *दिनांक – 06 जनवरी 2023*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2079*
🌤️ *शक संवत -1944*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष मास*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – पूर्णिमा 07 जनवरी प्रातः 04:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – आर्द्रा रात्रि 12:14 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
🌤️ *योग – ब्रह्म सुबह 08:11 तक तत्पश्चात इन्द्र*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 11:23 से दोपहर 12:44 तक*
*🌞 सूर्योदय- 07:18*
🌦️ *सूर्यास्त – 18:10*
👉 *दिशाशूल -पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- पौषी पूर्णिमा माघ स्नान प्रारंभ*
🔥 *विशेष – पूर्णिमा और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞

🌷 *गुरुमूर्ति पूजा में कैसी हो* 🌷
🙏🏻 *पूजा में गुरु की चरण सहित की तस्वीर हो….. पूरी, वो पूजा में रखनी चाहिये |*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *सर्वफलप्रदायक माघ मास व्रत* 🌷
👉🏻 *06 जनवरी से लेकर 05 फरवरी तक माध स्नान (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार माघ मास दिनांक 22 फरवरी से) |*
🙏🏻 *पुण्यदायी स्नान सुधारे स्वभाव*
*माघ मास में प्रात:स्नान (ब्राम्हमुहूर्त में स्नान) सब कुछ देता है | आयुष्य लम्बा करता है, अकाल मृत्यु से रक्षा करता है, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य व सदाचरण देता है | जो बच्चे सदाचरण के मार्ग से हट गये हैं उनको भी पुचकारके, इनाम देकर भी प्रात:स्नान कराओ तो उन्हें समझाने से, मारने-पीटने से या और कुछ करने से वे उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास में सुबह का स्नान करने से वे सुधरेंगे |*
🙏🏻 *तो माघ स्नान से सदाचार, संतानवृद्धि, सत्संग, सत्य आचरण उदारभाव आदि का प्राकट्य होता है | व्यक्ति की सुंदरता माने समझ उत्तम गुणों से सम्पन्न हो जाती है | उसकी दरिद्रता और पाप दूर हो जाते हैं | दुर्भाग्य का कीचड़ सूख जाता है | माघ मास में सत्संग-प्रात:स्नान जिसने किया, उसके लिए नरक का डर सदा के लिए खत्म हो जाता है | मरने के बाद वह नरक में नहीं जायेगा | माघ मास के प्रात:स्नान से वृत्तियाँ निर्मल होती हैं, विचार ऊँचे होते हैं | समस्त पापों से मुक्ति होती है | ईश्वरप्राप्ति नहीं करनी हो तब भी माघ मास का सत्संग और पुण्यस्नान स्वर्गलोक तो सहज में ही तुम्हारा पक्का करा देता है | माघ मास का पुण्यस्नान यत्नपूर्वक करना चाहिए |*
🙏🏻 *यत्नपूर्वक माघ मास के प्रात:स्नान से विद्या निर्मल होती है | मलिन विद्या क्या है ? पढ़-लिखके दूसरों को ठगो, दारु पियो, क्लबों में जाओ, बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड करो – यह मलिन विद्या है | लेकिन निर्मल विद्या होगी तो इस पापाचरण में रूचि नहीं होगी | माघ के प्रात:स्नान से निर्मल विद्या व कीर्ति मिलती है | ‘अक्षय धन’ की प्राप्ति होती है | रूपये – पैसे तो छोड़के मरना पड़ता है | दूसरा होता है ‘अक्षय धन’, जो धन कभी नष्ट न हो उसकी भी प्राप्ति होती है | समस्त पापों से मुक्ति और इन्द्रलोक अर्थात स्वर्गलोक की प्राप्ति सहज में हो जाती है |*
🙏🏻 *‘पद्म पुराण’ में भगवान राम के गुरुदेव वसिष्ठजी कहते हैं कि ‘वैशाख में जलदान. अन्नदान उत्तम माना जाता है और कार्तिक में तपस्या, पूजा लेकिन माघ में जप, होम और दान उत्तम माना गया है |’*
🙏🏻 *- ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१४ से*

📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!