बिहार:महागठबंधन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार

जाति के सहारे विकास को दी जाएगी नयी रफ्तार.माई समीकरण का रहा बोलबाला. आठ यादव और पाँच मुस्लिम चेहरों का दबदबा रहेगा कैबिनेट में.
पटना 16 अगस्त 2022 बिहार में महागठबंधन पार्ट 2 सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में देगी विकास को नयी रफ्तार. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण करने के पश्चात आज मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया. बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर इस मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी थी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लगातार इस पर मंथन करते हुए राजद की सूची तैयार की. उन्होंने अपने कोटे के मंत्रियों और उनके विभागों के चयन में योग्यता, सामाजिक सन्तुलन को तवज्जो दिया ही किन्तु अपने वोट बैंक को भी साधे रखने का पूरा प्रयत्न किया है.तेजस्वी यादव ने एक तिहाई से भी अधिक की हिस्सेदारी एम वाइ को दे दिया. वहीं जनता दल यू ने वरीयता,योग्यता और अतिपिछड़ा के साथ क्षेत्रीय सन्तुलन को भी ध्यान में रखा है.
तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास और ग्रामीण कार्य विभाग अपने पास रखा है. विकास की असली चाभी यहीं रहा है.तेजस्वी यादव इस पर समझौता के मूड में नहीं हैं.वहीं तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनाया जाना एक चौंकाने वाला खबर है. उन्हें वन पर्यावरण मंत्रालय से संतुष्ट रहना पड़ेगा.
तीन महिला मंत्री को भी कैबिनेट में स्थान दिया गया है. लेसी सिंह, अनीता देवी और शीला मंडल मंत्रिमंडल का महिला चेहरा हैं.

वित्त मंत्री,बिहार
मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे चौंकाने वाला निर्णय वित्त मंत्री के रूप में देखने को मिला. फॉर्मूले के हिसाब से सिर्फ वित्त मंत्रालय राजद के कोटे में नहीं गया और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद मंत्री विजय कुमार चौधरी को यह दिया गया. बैंक पी ओ की नौकरी छोड़ राजनीति को गले लगाने वाले विजय कुमार चौधरी सरकार के कद्दावर मंत्री रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी वे सफल रहे थे. अब सिंगल इंजन की इस सरकार के वित्तीय प्रबंधन की जवाबदेही मिलने के बाद विजय कुमार चौधरी से उम्मीद और बढ़ गई है.
वहीं शिक्षा प्रोफेसर चंद्रशेखर के जिम्मे आया है. चंद्रशेखर दिल्ली विस्वविद्यालय से पढ़े-लिखे हैं.जल संसाधन और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग संजय झा के पास ही रहा जबकि निर्दलीय सुमित कुमार सिंह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री बने रहेंगे. कांग्रेस के खाते में दो तथा हम के खाते में एक मंत्रालय आया है.

वहीं उद्योग विभाग समीर महासेठ को देकर बड़ी चुनौती सौंपी गई है.
कुल मिलाकर देखा जाय तो मंत्रिमंडल में सवर्ण और वैश्यों की भागीदारी अपेक्षा से कम रही वहीं महत्वपूर्ण विभाग टॉप 7 के ऊपर निर्भर रहेगा.