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अब देश को बचाने के लिए जातिवादी कानून की जगह बहुसंख्यक कानून हों

महाविद्यालय के संस्थापक डॉ रामकिशोर चौधरी

जब तक सरकारी जातिवादी योजनाएं चलती रहेगी तब तक स्वामी प्रसाद मौर्य, लालू, अखिलेश,मायावती जैसे लोग समाज बेचते रहेंगे – डॉ रामकिशोर चौधरी

(सरायरंजन) भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार के वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता डॉ राम किशोर चौधरी ने उत्तर प्रदेश में पांच साल सत्ता की मलाई खाने के बाद भाजपा छोड़कर दूसरे सारे दलों में भागने वाले मंत्रियों विधायकों के बारे में कहा की केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जातिवादी मानसिकता मजबूत करने वाले कानून और योजनाओं के कारण सभी राज्यों में स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश यादव, लालू, नीतीश, मायावती जैसे अपने जाति व समाज को राजनीतिक मंडी में बेचने वाले हजारों हजार राजनीतिक व्यापारी पैदा होते ही रहेंगे। यह सारा जातिवादी खेल तमाशा सरकारी जातिवादी योजनाएं और जातिवादी कानून के आधार पर तय किया गया है। आजादी के सत्तर साल गुजर जाने के बाद भी लाखों नील महाशंख रुपया दलितों पिछड़ों अतिपिछड़ों आदिवासी और अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं में बांट दिया गया। जिसके लोभ लालच को और निरंतर बढ़ाते हुए मायावती, मुलायम, लालू, नीतीश, स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश तेजस्वी हेमंत सोरेन जैसे जातिवादी राजनीतिक व्यापारी सत्ता की रोटी सेंकने का फार्मूला बना चूके हैं। ऐसी तमाम जातिवादीयों के रहते भारत में कभी भी राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति मजबूत नहीं हो सकता। अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा का इस संदर्भ में कहना है की भारत को अब बहुसंख्यकवाद की चलना चाहिए। सभी जातिवादी योजनाओं और जातिय आयोग आरक्षण आदि को बहुसंख्यक आयोग में समाहित करने की सख्त आवश्यकता है। समय को देखते हुए बहुसंख्यक समाज के लिए एक प्रकार की योजनाएं बनाई जाए। ताकि देश में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दो ही वर्ग हो। साथ ही ऐसे कार्य की शुरुआत से ही समाज और राजनीति में जातिवादी भेद और कारोबार भी बंद हो जाएगा। सवर्ण दलित पिछड़े अतिपिछड़ा आदिवासी सब एक ही योजनाओं और कानून के तहत आ जाएंगे।

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