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आज का हिन्दू पञ्चाङ्ग

⛅ *दिनांक 04 अगस्त 2021*

⛅ *दिन – बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)*
⛅ *शक संवत – 1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – वर्षा*
⛅ *मास – श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – आषाढ़)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – एकादशी शाम 03:17 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र – मॄगशिरा 05 अगस्त प्रातः 04:25 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
⛅ *योग – व्याघात रात्रि 12:52 तक तत्पश्चात हर्षण*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 12:45 से दोपहर 02:22 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:14*
⛅ *सूर्यास्त – 19:14*
⛅ *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – कामिका एकादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते है

🌷 *कामिका एकादशी* 🌷

*04 अगस्त 2021 बुधवार को कामिका एकादशी है ।*
🙏🏻 *कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है | व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है | यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है | )*
🙏🏻 *स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१६ से*

🌷 *प्रदोष व्रत* 

🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 05 अगस्त, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*

👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*

🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*

👉🏻 *ये उपाय करें*

*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*

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