सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में बगावत लोजपा में टूट
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई और सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में बगावत
सूत्रों के अनुसार उनके नीतीश से हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं और नीतीश कुमार को बताया कुशल प्रशासक। उन्होंने एनडीए में ही रहने की घोषणा की।
मानसून की पहली बारिश के साथ ही लोजपा में बड़ी टूट की खबर से बिहार की सियासत नरमी की बढ़ी तपिश। लोजपा में चिराग पासवान को उनकी ही पार्टी से बेदखल करने की तैयारी। पार्टी के 5 सांसद अलग गुट बनाने की कोशिश में। इन सब के JDU से संपर्क में भी रहने की चर्चा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांचों सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से मिलकर अपनी स्थिति भी स्पष्ट कर दी है तथा पशुपति कुमार पारस को अपने संसदीय दल का नेता एवं चौधरी महबूब अली कैसर को उपनेता चुन लेने की चिट्ठी भी सौंप दी है।
लोजपा में इस टूट के साथ बिहार की सियासत भी गरमा सकती है।बिहार के अधिकांश लोजपा पदाधिकारी चिराग के खिलाफ खोल सकते हैं मोर्चा । पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का दायित्व भी सौंपा गया है।
गौरतलब है कि लोजपा में चिराग पासवान के स्टैंड से पार्टी के अंदर सभी वरिष्ठ नेता असन्तुष्ट थे।खासकर बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जिस तरह से नीतीश कुमार के साथ बर्ताव किया था वह पार्टी के अधिकांश पदाधिकारियों को नागवार गुजरा था।शायद यही कारण है कि आज पार्टी के चिराग से ही बंगला धधकता हुआ नजर आ रहा है।