जयनाथ सेवा सदन की व्यथा सुनिये स्वास्थ्य मंत्री जी

जयनाथ सेवा सदन में वैक्सिनेशन में भाग लेते हुए
उजियारपुर प्रखंड ही नही बल्कि दलसिंहसराय अनुमंडल का लाइफलाइन था जयनाथ सेवा सदन। 32 बेड के इस रेफरल अस्पताल से पूरा ग्रामीण इलाका लाभान्वित हो रहा था।किंतु शीघ्र ही यह स्थानीय राजनीति का शिकार हो गया और देखते- देखते ए पी एच सी बनकर रह गया है।
1980 में स्थापित उजियारपुर प्रखंड स्थित जयनाथ सेवा सदन अपनी दुर्गति पर आँसू बहाने को अभिशप्त है।बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र के मुख्यमंत्रित्व काल मे स्थापित यह अस्पताल न सिर्फ उजियारपुर प्रखंड बल्कि दलसिंहसराय अनुमंडल का लाइफलाइन था।32 बेड के इस रेफरल अस्पताल से पूरा ग्रामीण इलाका लाभान्वित हो रहा था।किंतु शीघ्र ही यह स्थानीय राजनीति का शिकार हो गया और देखते- देखते ए पी एच सी बनकर रह गया है।एक ओर बड़े-बड़े हॉस्पिटल सरकार के द्वारा बनाए जा रहे हैं, नये निर्माण पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आधारभूत संरचना से समृद्ध जयनाथ सेवा सदन दिन प्रतिदिन अस्तित्व खोने की दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है।

विगत कुछ वर्षों से चिकित्सकों के बिना जयनाथ सेवा सदन खुद की इलाज के लिए तारणहार का बाट जोह रहा है।हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि अभी एक एम बी बी एस डॉक्टर की नियुक्ति हुई है जिसे उजियारपुर के प्रभारी अपने यहाँ लेकर चले गए हैं।इससे पूर्व भी यहाँ से महंगे उपकरण वगैरह अन्यत्र भेजा जा चुका है।इससे इस covid काल में ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
इस बाबत जब हमने समस्तीपुर के सिविल सर्जन से बात की तो उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।अब देखना है कि लगभग 10 पंचायत के बीच में अवस्थित 1 लाख से अधिक की आबादी का लाइफलाइन सेवा सदन अपने सुनहरे अतीत की ओर कब लौट पाता है।
गौरतलब है कि जयनाथ सेवा सदन भारत सरकार के गृहराज्य मन्त्री नित्यानन्द राय के संसदीय क्षेत्र के लगभग बीचोबीच अवस्थित है।