लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालने वाले अब राष्ट्रपति शासन लगवाने के लिए बहाने खोज रहे हैं – सुशील कुमार मोदी
जो लोग विधानसभा चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी देने का झांसा देने के बावजूद सत्ता पाने में नाकाम रहे, उनके सजायाफ्ता नेता विधानसभा गठन के समय जेल से ही जोड़-तोड़ कराने में लग गए, लेकिन वे एनडीए सरकार की वापसी के जनादेश को विफल नहीं कर पाये।
अब यही लोग कानून-व्यवस्था के बहाने एक लोकप्रिय सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं।
चुनी हुई सरकार को हटाने के लिए संविधान की धारा 356 का 100 बार दुरुपयोग करने वाली कांग्रेस की संगत में राजद यही सीख सकता है। यही राजद कभी लोकतंत्र बचाओ यात्रा का नाटक कर रहा था।
यूपीए शासन के दस साल तक देश के सारे बड़े फैसले केवल एक व्यक्ति करता रहा। एक परिवार का सत्ता पर ऐसा कब्जा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री रिमोट-संचालित रोबोट की तरह काम करते थे। एक परिवार के दामाद को मालामाल करने के लिए हरियाणा-राजस्थान में कृषि भूमि कौडियों के मोल बेची गई और फिर उसका गैरकृषि कार्यों में इस्तेमाल करने की अनुमति देकर किसानों से छल किया गया।
ऐसे राजनीतिक भ्रष्टाचार के दाग रहते राहुल गांधी किस मुंह से किसानों के हमदर्द बन रहे हैं और सरकार पर कुछ लोगों को फायदा पहुँचाने का आरोप लगा रहे हैं?
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