सिद्दत से याद किये गए यदुनंदन सिंह
महवविद्यालय संस्थापक की मनी जयंती
दिघवाड़ा ग्रामीण एस एन स्थानीय प्रखंड के एक मात्र अंगीभूत कालेज यदुन्दन महाविद्यालय मेंअपने संस्थापक बाबू यदुनंदन सिहं की121जयंती समारोह का आयोजन मंगलवार को हुआ।121वी जयंती का यह एक ऐतिहासिक संयोग रहा है।प्राचार्य प्रो.बिजय कुमार की अध्यक्षता में सर्वप्रथम यदुनंदन सिंह की प्रतिमा एवं प्रतिमा स्थल का जिर्णोद्धार हुआ तथा उसके शिलापट्ट का अनावरण किया गया। सर्वप्रथम प्रतिमा स्थल पर गणमान्य अतिथियों ने माल्यार्पण किया। तत्पश्चात सभा में दीप प्रज्वलन के उपरांत श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। मंच संचालन करते हुए डॉ मनीष कुमार ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में स्व. यदुनंदन सिंह की चर्चा की। स्वागत करते हुए डॉ अनीता ने कार्यक्रम की योजना में पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक कुमार सिंह वर्तमान प्राचार्य डॉ विजय कुमार स्व.यदुनंदन सिंह के पुत्र- पौत्र के योगदान की चर्चा की। उन्होंने अपने उद्बोधन में यदुनंदन सिंह के शैक्षिक ,राजनैतिक, स्वास्थ्य उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों में उनके तन मन धन से समर्पित योगदान की संक्षिप्त चर्चा की। महाविद्यालय की स्थापना के संक्षिप्त इतिहास को देखते हुए यह ज्ञात हुआ कि उनके चतुर्दिक वैसे कर्म योगियों का समूह था ।
मुख्य अतिथि के रुप में स्वर्गीय यदुनन्दन सिंह के पारिवारिक सदस्य प्रवीण जी की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। उन्होंने अपने संबोधन में उनके योगदान की भावुक चर्चा की। समाजसेवी रविंद्र सिंह ने भी संस्मरणों के साथ उनके महती योगदान की ही नहीं बल्कि एक संवेदनशील हृदय के स्वामी के रूप में अनेक घटनाओं की चर्चा की । पूर्व प्राध्यापक केशव कुमार सिंह ने शुभकामनाओं के साथ उनके महत्व को रेखांकित किया। उपस्थित गणमान्य अतिथियों में समाजसेवी भरत जी, हरिद्वार जी, पत्रकार अमित कुमार ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति दी, । महाविद्यालय परिवार के सभी शिक्षक डॉ अनीता, डॉ उषा सिंह,डॉ. सत्येंद्र प्रसाद यादव , अरविंद राम ड., सतीश जी, डॉ. मनीष कुमार ,नीरा सिन्हा, डॉ मृदुला कुमारी, सुलेखा कुमारी, अमृता कुमारी ,रामानुज सिंह, एवं अतिथि शिक्षकों में विक्रांत कुमार, जितेंद्र कुमार ,राकेश कुमार, सुजीत कुमार ,सुकृति एवं कल्पना कुमारी, शिक्षकेतर कर्मचारी भानु सिंह कैलाश सिंह ओमप्रकाश सिंह एवम् छात्र-छात्राएं नेभी उनके कर्मों को याद किया।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य विजय कुमार ने अपनी संपूर्ण निष्ठा के साथ संस्थापक स्वर्गीय यदुनंदन सिंह जी के कार्यकलापों को आगे बढ़ाने एवं तद अनुरूप कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन सतीश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।।