लालू-राबडी परिवार ने बदजुबानी और लम्पटई का भी राजनीतिकरण किया – सुशील कुमार मोदी

अब तेजप्रताप कोरोना वैक्सीन पर शक करने वाले कट्टरपंथी मौलानाओं को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री को खुद पर कोरोना टीके का ट्रायल करने की सलाह दे रहे हैं।
लालू प्रसाद के ज्येष्ठ पुत्र तेजप्रताप यादव ने कभी सारी मर्यादाएँ तोड कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चमडी उधेड लेने की धमकी दी, तो कभी अपने पिता के समकालीन नेताओं पर अभद्र टिप्पणी की, लेकिन राजद ने न तो उनके बयानों पर खेद प्रकट किया, न उन्हें भाषा पर संयम रखने की चेतावनी दी।
अब तेजप्रताप कोरोना वैक्सीन पर शक करने वाले कट्टरपंथी मौलानाओं को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री को खुद पर कोरोना टीके का ट्रायल करने की सलाह दे रहे हैं।
तेजप्रताप जब मंत्री-पद का शपथ पत्र नहीं पढ पाते और जिनकी माता राबडी देवी कभी बिहार के राज्यपाल को ” लगडा” कह चुकी हों, तब उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है?
चारा घोटाला के चार-चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद ने अपराध, साम्प्रदायिकता और बदजुबानी का राजनीतिकरण कर लोकतंत्र में असहमति की मर्यादाएँ तोडीं।
जब बात सामाजिक न्याय की चली, तो उन्होंने “भूरा बाल साफ करो” का नारा दिया।
राजद बताये कि दलितों-पिछडों को न्याय दिलाने के लिए क्या चार ऊंची जातियों का अपमान कर समाज में तनाव पैदा करना जरूरी था?
सामाजिक न्याय का रास्ता जातीय द्वेष से होकर नहीं गुजरता इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 फीसद आरक्षण दिया।
राजद ने इसका विरोध जातीय द्वेृष की रोटी सेंकने के लिए किया?